थमती भाषाएं, चुप राज्य—जनजातीय अस्मिता का संकट
झारखंड की सांस्कृतिक बनावट जितनी प्राचीन है, उतनी ही विविध और जीवंत भी। कुड़ुख, मुंडारी, खोरठा, […]
झारखंड की सांस्कृतिक बनावट जितनी प्राचीन है, उतनी ही विविध और जीवंत भी। कुड़ुख, मुंडारी, खोरठा, […]
क्या लिविंनरेशनशिप को स्वतंत्रता और मॉडर्न के नाम पर वेस्टर्न कल्चर को भारत की संस्कृति में […]
जिस प्रकार गंगा सभी नदियों की जल धारा को साथ लेकर समुद्र में जा मिलती हैं, […]
कोरोना महामारी एक भयानक महामारी के रूप में विश्व के समक्ष उभर कर सामने आयी ! […]
जयशंकर प्रसाद जयंती पर विशेष झारखंड। आधुनिक हिन्दी के श्रेष्ठ कवियों की परम्परा में जयशंकर प्रसाद […]
किसानों-मजदूरों की आवाज थे ‘खीरुराम विद्रोही’सैकड़ो कविताएं नहीं हो सकीं प्रकाशितव्यवस्था से विद्रोह का नाम था […]
शिक्षा व्यवस्था प्राचीन पद्धति से हटकर नवीनता की ओर अग्रसर है। ऐसे में शिक्षा के क्षेत्र […]
पहली बार कोडरमा से महिला सांसद बनी अन्नपूर्णा देवी साल 2019 में राजनीतिक सुर्खियॉ बनी। इस […]
झारखण्ड। एक प्रचलित कहावत है कि “तेल जले पर उजाला नहीं।” यह कहावत झारखंड के राजनीतिक […]