धैर्य तो रख

February 12, 2024

शीघ्र मिटेगा संकट का अंधेरा,
जल्द उगेगा उम्मीदों का सूरज,
बस, धैर्य तो रख।
माना कि संकट गहरा है,
चारो ओर लगा पहरा है,
जैसे जलधार को रोक लेते हैं बांध,
वैसे मानव जीवन अभी ठहरा है,
फिर से गति मिलेगी जीवन को,
बस, इतनी सी बात समझा मन को,
न रुकेगा सूरज, बादलों के रोके से,
चीर कर फिर बादलों को,
निकल आएगा प्रभाकर,
फिर से जीवन में होगी,
खुशियों की बौछार,
बस, धैर्य तो रख।

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